Low NEET Score वालों के लिए झटका: अब NRI Sponsorship से MBBS Admission नहीं मिलेगा

Low NEET Score वालों को बड़ा झटका लगा है क्योंकि अब NRI Sponsorship के आधार पर MBBS Admission लेना संभव नहीं होगा। MCC द्वारा जारी नए नियमों के तहत 2025-26 से केवल वास्तविक NRI या उनके बच्चे ही NRI Quota में आवेदन कर सकेंगे। इसका सीधा असर उन भारतीय छात्रों पर पड़ा है जो कम स्कोर के बावजूद NRI रिश्तेदार की Sponsorship के सहारे मेडिकल सीट पाने की उम्मीद कर रहे थे।

एक माँ कुछ दिन पहले हमारे ऑफिस में आईं। उनका बेटा NEET में सिर्फ 165 मार्क्स ला पाया था। उन्होंने कहा, “हमारे भाई दुबई में हैं और हमेशा कहते हैं कि बच्चे को NRI Quota से MBBS करवा देंगे। अब अचानक MCC का नया नियम आ गया और Embassy भी Sponsorship Letter देने से मना कर रही है। अब क्या करें?” यही सवाल आज हज़ारों माता-पिता और छात्रों के मन में है।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे:

  • नया नियम क्या है और क्यों लागू हुआ?
  • किसे अब NRI Quota का लाभ मिलेगा?
  • कम स्कोर वालों के पास अब क्या विकल्प हैं?
  • और सबसे जरूरी: कैसे सही रणनीति से आप MBBS की सीट फिर भी पा सकते हैं?
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MCC ने NRI Sponsorship Quota क्यों समाप्त किया?

पिछले कुछ वर्षों में MCC और सुप्रीम कोर्ट को लगातार यह शिकायतें मिल रही थीं कि कई छात्र फर्जी Sponsorship Letter के माध्यम से NRI सीटें हासिल कर रहे हैं। फर्स्ट डिग्री ब्लड रिलेटिव (जैसे मामा, बुआ, चाचा) के नाम पर Indian Embassies से Sponsorship Certificate बनवाकर वास्तविक NRI न होते हुए भी छात्र MBBS Admission ले रहे थे।

इस प्रक्रिया में न तो मेरिट का मान रखा जा रहा था और न ही पारदर्शिता थी। Supreme Court के हस्तक्षेप और Ministry of Health & Family Welfare की सिफारिशों के बाद MCC ने 2025 से यह कोटा पूरी तरह खत्म करने का निर्णय लिया। इसका मकसद Admission प्रक्रिया को अधिक निष्पक्ष और ईमानदार बनाना है।

पुराने नियम और नए नियम में क्या फर्क है?

MCC द्वारा लाए गए इस बदलाव ने छात्रों की पात्रता को पूरी तरह बदल दिया है। अब यह समझना जरूरी है कि पहले क्या प्रक्रिया थी और अब क्या मानदंड लागू किए गए हैं।

पहलूपुराना नियमनया नियम
पात्रताफर्स्ट डिग्री ब्लड रिलेटिव की स्पॉन्सरशिप मान्यसिर्फ असली NRI या उनके बच्चे/वार्ड्स पात्र
दस्तावेज़रिश्तेदार के Sponsorship Letter, Embassy से मान्यसिर्फ असली NRI, रिश्तेदार के Sponsorship अमान्य
फर्जीवाड़ा का रिस्कअधिकन्यूनतम
प्रक्रिया की पारदर्शितासीमितअधिक

अब सिर्फ वे छात्र NRI Quota के लिए पात्र होंगे जिनके माता-पिता विदेश में रहते हैं और उनके पास वैध NRI Documents हैं (जैसे Passport, Visa, NRI Bank Account)।

Draft Notice के अनुसार नया नियम क्या कहता है?

MCC द्वारा 21 जुलाई 2025 को जारी Official Notice में निम्न बातें स्पष्ट की गई हैं:

  • अब सिर्फ वही छात्र NRI Quota में पात्र होंगे जो Indian Mission या MEA द्वारा जारी दस्तावेज़ प्रस्तुत करें।
  • Sponsorship केवल NRI माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा मान्य होगी। रिश्तेदार की Sponsorship अब अमान्य है।
  • Documents कॉलेज में Reporting के समय जमा होंगे, फिर MCC द्वारा Embassy से उनकी वैधता की जांच करवाई जाएगी।
  • यदि कोई दस्तावेज़ Fake पाया गया तो छात्र की सीट तुरंत रद्द कर दी जाएगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह नियम केवल Advisory नहीं बल्कि Binding है  और MCC ने भविष्य में और भी Documents की माँग करने का अधिकार सुरक्षित रखा है।

MCC का Official Notice पढ़ें (21 जुलाई 2025) अगर आप यह देखना चाहते हैं कि NRI Quota के लिए अब क्या Eligibility और Document Verification की प्रक्रिया MCC ने तय की है, तो नीचे दिए गए आधिकारिक नोटिस को जरूर पढ़ें:

👉 यहाँ क्लिक करें और MCC का Full PDF Notice देखें

जिनका NEET Score कम है, उनके लिए यह फैसला क्यों चिंताजनक है?

कम स्कोर वाले छात्रों के लिए NRI Quota एक बैकअप प्लान था। ₹90 लाख से ₹1.50 करोड़ के बजट वाले कई अभिभावक रिश्तेदार की Sponsorship के सहारे प्राइवेट या Deemed Universities में MBBS Admission ले रहे थे। लेकिन अब यह रास्ता बंद हो गया है।

ऐसे में कम स्कोर लाने वाले छात्रों को या तो Management Quota की ओर रुख करना होगा या फिर अन्य वैकल्पिक कोर्स (जैसे BDS, BAMS, BHMS) पर विचार करना होगा।

क्या अब भी कोई कानूनी रास्ता है NRI Quota में आने का?

हां, लेकिन सिर्फ उन्हीं के लिए जिनके माता-पिता या Legal Guardian NRI हैं। आपको NRI Passport, Visa Stamp, Residential Proof और Birth Certificate जैसे दस्तावेज़ देने होंगे जो यह साबित करें कि आप NRI की संतान हैं। रिश्तेदार की Sponsorship अब मान्य नहीं है, चाहे वो कितना भी करीबी हो।

Indian Embassies ने भी MCC के निर्देश के बाद Sponsorship Letter जारी करना बंद कर दिया है।

NRI Seats अब किसे मिलेंगी और कितनी रह जाएंगी खाली?

NRI Quota के नियमों में बदलाव के बाद अब केवल वास्तविक NRI और उनके बच्चे ही इस कोटे के अंतर्गत पात्र माने जाएंगे। पहले जहां फर्स्ट डिग्री ब्लड रिलेटिव की Sponsorship से छात्र इस कोटे का लाभ ले सकते थे, अब वह पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस सख्त eligibility filter के चलते 2025 की NEET Counselling में NRI उम्मीदवारों की संख्या में गिरावट देखी जा सकती है।

ऐसे में यह सवाल उठता है कि जो NRI सीटें अब खाली रह जाएंगी, उनका क्या होगा? इस स्थिति में MCC और संबंधित कॉलेजों के पास विकल्प होता है कि वे इन खाली NRI सीटों को General Management Quota या Institutional Quota में ट्रांसफर कर दें। यह प्रक्रिया MCC की Counselling Guidelines के अनुसार ही होगी।

जब NRI सीटें General Quota में कन्वर्ट होती हैं, तो दो प्रमुख असर देखने को मिलते हैं:

  1. Cutoff नीचे जा सकता है: क्योंकि ये सीटें अब उन छात्रों के लिए उपलब्ध होती हैं जिनका स्कोर कम है लेकिन वे Management Quota के तहत प्रवेश लेना चाहते हैं।
  2. अधिक सीटें उपलब्ध होती हैं: इससे उन छात्रों को अतिरिक्त अवसर मिलता है जो पहले NRI कोटे से बाहर हो गए थे या जिनका स्कोर marginal था।

हमारे Counselling अनुभव के अनुसार, कई Deemed Universities में 2024 में NRI सीटें खाली रहीं और बाद में वे सीटें General Category के छात्रों को allot की गईं। इसी कारण, 2025 में भी ऐसे छात्रों के लिए एक मौका बन सकता है जो सही समय पर Registration करते हैं और Choice Filling में इन सीटों को प्राथमिकता देते हैं।

इसलिए यदि आप General Category या Low Score वाले छात्र हैं, तो आपको NRI सीटों की Movement पर नजर रखनी चाहिए और MCC Counselling के हर चरण में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए। इससे आपके MBBS Admission की संभावना बढ़ सकती है, भले ही आप NRI न हों।

कम NEET Score वालों के लिए MBBS Admission के वैकल्पिक रास्ते

  • Deemed Universities (Management Quota): यदि बजट ₹90 लाख से ₹1.15 करोड़ तक है तो कुछ Colleges में MBBS Admission संभव है।
  • State Quota की Open States: NEET Counselling 2025 में कुछ राज्य ऐसे हैं जहाँ बाहरी छात्र बिना domicile के भी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की काउंसलिंग में भाग ले सकते हैं। ये Open States कहलाते हैं:

कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, त्रिपुरा, मणिपुर, सिक्किम, पांडिचेरी (पुडुचेरी), आंध्र प्रदेश

नोट:

  • मध्य प्रदेश Round 2 से Open State बनती है।
  • राजस्थान Round 3 से Open State बनती है।

बाकी राज्य जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर आदि “Closed States” माने जाते हैं, जहाँ सिर्फ domicile वाले छात्र ही eligible होते हैं।

  • Abroad MBBS (MCI Approved): जैसे रूस, कजाकिस्तान, जॉर्जिया, जहां बजट ₹25–₹35 लाख के बीच होता है।
  • Alternate Courses: BHMS, BAMS, BDS जैसे कोर्स भी मेडिकल फील्ड से जुड़े हैं और इनका स्कोप भी अच्छा है। अगर आप इन विकल्पों को लेकर भ्रमित हैं या सही मार्गदर्शन चाहते हैं, तो आप हमारी AYUSH Counselling Expert Srija Tiwari से संपर्क कर सकते हैं — संपर्क करें: 9289495501

Choice Filling और Counselling Strategy की भूमिका

अब जबकि NRI Sponsorship का विकल्प नहीं रहा, सही Counselling Strategy पहले से भी ज़्यादा जरूरी हो गई है। सिर्फ Cutoff देखना ही काफी नहीं है — यह समझना equally जरूरी है कि कब, कैसे और किन Colleges को Preference दी जाए।

Choice Filling में की गई एक भी गलती आपको उस कॉलेज से वंचित कर सकती है जो आपके स्कोर और बजट के अनुसार सबसे उपयुक्त था। अक्सर छात्र या उनके अभिभावक यह मानकर चल देते हैं कि उन्हें बस एक ही कॉलेज चाहिए, जबकि MCC या State Counselling में पूरा विकल्प विस्तार से भरना अधिक सुरक्षित होता है।

यहाँ एक सही Strategy का मतलब है:

  • Cutoff Trends का सही Analysis
  • Category और Quota के हिसाब से College Options की Understanding
  • College Bond, Fees Structure और Location जैसी Practical बातों की जानकारी
  • Mop-up और Stray Round तक सक्रिय भागीदारी

हम, GLN Admission Advice Pvt. Ltd., पिछले 16 वर्षों से NEET Counselling के हर पहलू में छात्रों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। हमने 3000+ से अधिक छात्रों को उनकी Rank और Budget के अनुसार Top Medical Colleges में प्रवेश दिलवाया है।

हमारी Counselling Team हर छात्र की स्थिति (Score, Category, Domicile, Budget) के अनुसार Personalised College List और Realistic Choice Filling Plan बनाती है — ताकि Seat Miss न हो और Admission सुनिश्चित हो।

यदि आप भी चाहते हैं कि आपका MBBS Admission योजना के अनुसार सुरक्षित हो, तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमारी टीम हर Round में आपके साथ रहती है, और आपकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए लगातार Support करती है।

Deemed University में कम स्कोर पर Admission कैसे संभव है?

अगर आपका NEET Score कम है लेकिन फिर भी MBBS की पढ़ाई का सपना अधूरा नहीं छोड़ना चाहते, तो Deemed Universities आपके लिए एक व्यावहारिक विकल्प हो सकता है।

इन विश्वविद्यालयों में Management Quota के तहत प्रवेश की सुविधा होती है, जो मुख्य रूप से उन छात्रों के लिए होती है जिनका स्कोर सरकारी सीटों के लिए पर्याप्त नहीं होता। इन सीटों पर Admission का निर्धारण मुख्यतः Seat Availability, Budget और सही दस्तावेज़ी प्रक्रिया पर आधारित होता है।

2024 की काउंसलिंग में हमने देखा कि कई प्रमुख Deemed Medical Colleges ने 300 से लेकर 450 NEET Score तक के छात्रों को MBBS सीट Allot की, बशर्ते उनके पास समय पर Registration, Complete Documentation और पर्याप्त Budget (₹90 लाख से ₹1.15 करोड़) उपलब्ध हो।

यदि आप Cutoff Trends को समझकर सही समय पर MCC Counselling में भाग लेते हैं और Choice Filling सावधानीपूर्वक करते हैं, तो कम स्कोर के बावजूद भी Deemed University में Admission पाना संभव है।

हमने अपने पिछले कई बैचों में ऐसे छात्रों का सफल Admission करवाया है, जिनका स्कोर अपेक्षाकृत कम था लेकिन Planning और Guidance सही थी। यदि आप भी ऐसी योजना बनाना चाहते हैं, तो हमारी टीम आपकी मदद के लिए उपलब्ध है।

MBBS के अलावा कौन-कौन से विकल्प हैं जिनमें भविष्य सुरक्षित हो सकता है?

NEET में कम स्कोर आने का मतलब यह नहीं है कि मेडिकल या हेल्थकेयर सेक्टर में आपका सपना अधूरा रह जाएगा। आज के समय में MBBS के अलावा भी कई ऐसे विकल्प मौजूद हैं जो न सिर्फ करियर ग्रोथ प्रदान करते हैं, बल्कि समाज में सम्मानजनक स्थान भी दिलाते हैं।

  • BDS (Dental): अगर आप मरीजों के सीधे संपर्क में रहना चाहते हैं और क्लिनिकल फील्ड में जाना चाहते हैं, तो डेंटल साइंस यानी BDS एक बेहतरीन विकल्प है। कई प्राइवेट डेंटल कॉलेज कम स्कोर पर भी दाखिला देते हैं। आगे चलकर आप MDS कर सकते हैं या अपना क्लिनिक खोल सकते हैं।
  • BAMS/BHMS/BUMS: ये कोर्स भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर आधारित हैं और आज के समय में इनकी डिमांड लगातार बढ़ रही है। BHMS (Homeopathy), BAMS (Ayurveda) और BUMS (Unani) जैसे कोर्स न केवल सरकारी बल्कि प्राइवेट सेक्टर में भी करियर के अवसर खोलते हैं। ये Centralised AYUSH Counselling के माध्यम से मिलते हैं।
  • B.Sc Nursing या Paramedical Courses: यदि आप हेल्थकेयर सिस्टम का अभिन्न हिस्सा बनना चाहते हैं, तो B.Sc Nursing, Physiotherapy, Lab Technology, Radiology जैसे कोर्स एक सुरक्षित और सम्मानजनक विकल्प हैं। इन कोर्स में तेजी से ग्रोथ हो रही है और सरकारी व निजी दोनों क्षेत्रों में जॉब के अवसर उपलब्ध हैं।

यदि आप इन विकल्पों को लेकर भ्रमित हैं या यह तय नहीं कर पा रहे कि आपके स्कोर और बजट के हिसाब से कौन सा कोर्स आपके लिए बेहतर रहेगा, तो आप हमारी AYUSH Counselling Expert Srija Tiwari से संपर्क कर सकते हैं। वह आपके बजट, स्कोर और करियर लक्ष्यों को समझकर आपको व्यक्तिगत मार्गदर्शन देंगी।

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FAQs

Q1. क्या अब NRI Sponsorship से MBBS Admission नहीं मिलेगा?

हाँ, 2025 से MCC ने NRI Sponsorship के आधार पर Admission की अनुमति समाप्त कर दी है। अब सिर्फ वास्तविक NRI या उनके बच्चे ही पात्र हैं।

Q2. MCC के इस फैसले का असर किन छात्रों पर पड़ेगा?

कम स्कोर वाले वे छात्र जो रिश्तेदार की Sponsorship पर NRI Quota के भरोसे थे, उनके लिए यह बड़ा बदलाव है।

Q3. क्या Embassy अब Sponsorship Letter जारी करेगी?

नहीं, Indian Embassies अब First Degree Relative के लिए Sponsorship Certificate जारी नहीं करेंगी।

Q4. क्या Deemed University में अब भी Admission संभव है?

हाँ, अगर आपके पास Budget और सही दस्तावेज़ हैं तो Deemed University में Management Quota के तहत Admission मिल सकता है।

Q5. अगर NRI नहीं हैं तो MBBS के क्या विकल्प हैं?

BDS, BAMS, BHMS, BUMS, Nursing जैसे कोर्स कम स्कोर पर भी उपलब्ध हैं।

Q6. NRI Quota के लिए अब कौन से Documents जरूरी होंगे?

NRI Passport, Visa, Residential Proof, Birth Certificate, और Parent-Child Relationship Proof आवश्यक होंगे।

Q7. क्या NRI सीटें अब खाली रह सकती हैं?

हाँ, वास्तविक NRI की संख्या कम होने से कई NRI सीटें खाली रह सकती हैं, जो फिर Management Quota में चली जाएंगी।

Q8. सही Counselling Strategy क्यों जरूरी है?

क्योंकि अब कम स्कोर वालों के लिए विकल्प सीमित हैं और सीट पाने के लिए Cutoff Trends और सही Choice Filling बेहद जरूरी है।

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