UP NEET काउंसलिंग 2025 में चॉइस फिलिंग कैसे करें? पूरी रणनीति और कटऑफ गाइड

UP NEET काउंसलिंग में चॉइस फिलिंग (Choice Filling) मेडिकल एडमिशन की सबसे निर्णायक प्रक्रिया मानी जाती है। एक छोटी सी चूक से मनपसंद कॉलेज दूर हो सकता है, और एक सही रणनीति आपको कम NEET स्कोर पर भी अच्छा कॉलेज दिला सकती है। आज की इस विस्तृत गाइड में हम आपको बताएंगे कि चॉइस फिलिंग करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

मैं आपको लखनऊ की रीमा सिंह की कहानी सुनाना चाहता हूं। रीमा ने NEET 2024 में 522 स्कोर किया था। उसका सपना था कि उसे कोई सरकारी कॉलेज मिल जाए। लेकिन चॉइस फिलिंग करते समय उसने बिना रिसर्च किए ही कॉलेजों की लिस्ट भर दी। नतीजा यह हुआ कि उसका स्कोर एक अच्छे प्राइवेट कॉलेज के लिए भी काफी था, लेकिन चॉइस में वह नीचे रखा गया था। पहले राउंड में उसे कोई सीट नहीं मिली और दूसरे राउंड में कटऑफ बढ़ गया। अगर रीमा थोड़ी सी रिसर्च और प्लानिंग करती, तो शायद आज किसी नामी कॉलेज में MBBS की पढ़ाई कर रही होती।

इसलिए आइए जानते हैं चॉइस फिलिंग की वो 7 रणनीतियां जो आपके लिए बेहद जरूरी हैं।

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कॉलेज और सीट्स की पूरी जानकारी जुटाएं

सबसे पहला और जरूरी कदम है कि आप UP के सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल व डेंटल कॉलेजों की जानकारी विस्तार से जुटाएं। इसमें निम्न बातें शामिल होनी चाहिए:

  • कॉलेज की मान्यता और NMC/DSCI से सम्बद्धता
  • कॉलेज की सीट संख्या और फैकल्टी स्ट्रेंथ
  • Location, Infrastructure, हॉस्टल फैसिलिटी और Security
  • Government और Private कॉलेज का Fee Structure
  • पिछले वर्षों का Cutoff (Opening Rank और Closing Rank)

नीट स्कोर के हिसाब से आपको पहले यह समझना होगा कि आपकी रैंक किन कॉलेजों के दायरे में आती है। यह डेटा आप UP NEET की आधिकारिक वेबसाइट और हमारी वेबसाइट https://neetcounselling.org.in/ से प्राप्त कर सकते हैं।

अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट करें

चॉइस फिलिंग करते समय सबसे जरूरी होता है अपनी प्रेफरेंस को तय करना। इस प्रक्रिया को 3 भागों में बांटा जा सकता है:

  1. कॉलेज प्रेफरेंस:
    • क्या आप केवल सरकारी कॉलेज चाहते हैं?
    • क्या आपकी प्राथमिकता लोकेशन आधारित है?
    • क्या आप सिर्फ कम फीस वाले कॉलेजों में ही जाना चाहते हैं?
  2. कोर्स प्रेफरेंस:
    • MBBS, BDS या कोई Allied Course?
    • अगर MBBS न मिले तो क्या आप BDS या BAMS के लिए ओपन हैं?
  3. पारिवारिक और व्यक्तिगत प्राथमिकताएं:
    • फीमेल छात्राएं हॉस्टल की सुविधा या सुरक्षा के आधार पर निर्णय ले सकती हैं
    • कुछ छात्र अपने शहर या जिले के आस-पास ही कॉलेज चाहते हैं
    • कुछ Parents की बजट लिमिट होती है, जिसके अनुसार Private Colleges चुनना पड़ता है

सभी बातों को ध्यान में रखते हुए एक रैंक लिस्ट तैयार करें जिससे चॉइस भरने में दुविधा न हो।

मेरिट के अनुसार चॉइस लिस्ट तैयार करें

आपका NEET Score और All India Rank (AIR) यह तय करता है कि आपको कौन-कौन से कॉलेज मिल सकते हैं। इसलिए चॉइस लिस्ट बनाते समय इन बातों का ध्यान रखें:

  • पहले ऐसे कॉलेज रखें जिनकी पिछले साल की Closing Rank आपके आसपास रही हो
  • उसके बाद कुछ “सेफ ऑप्शन” यानी ऐसे कॉलेज रखें जहाँ कटऑफ आपकी रैंक से थोड़ा नीचे रहा हो
  • और अंत में कुछ “ड्रीम कॉलेज” भी रखें — यह इसलिए कि अगर कटऑफ गिर जाए तो आपको बेहतर कॉलेज मिल सकता है

उदाहरण: यदि आपकी रैंक 35,000 है तो आप 32,000–38,000 के कटऑफ वाले कॉलेजों को प्राथमिकता में रखें। इससे ना सीट खाली जाएगी और ना ही मौका छूटेगा।

पिछली वर्ष की कटऑफ से तुलना करें

UP NEET काउंसलिंग में हर कॉलेज और कोर्स की Cutoff हर साल बदलती है, लेकिन पिछले साल के आंकड़े एक दिशा दिखाते हैं।

  • कटऑफ देखने के लिए आधिकारिक वेबसाइट या GLN Admission Advice द्वारा तैयार की गई Verified Cutoff PDFs का उपयोग करें
  • General, OBC, SC, ST, EWS सभी के लिए अलग-अलग कटऑफ होती है
  • Cutoff Rank के साथ-साथ Category और Round की जानकारी भी देखें (Round 1, 2, Mop-up, Stray)

इस जानकारी से आप अपने चॉइस को सही क्रम में सजा सकते हैं। यह भी जान लें कि कई बार अच्छे कॉलेज की Cutoff बाद के राउंड में गिरती है — इसलिए मॉप-अप राउंड को नज़रअंदाज न करें।

चॉइस भरने के दौरान होने वाली गलतियों से बचें

हर साल हजारों छात्र कुछ सामान्य गलतियों की वजह से सीट खो बैठते हैं। नीचे बताई गई बातों को ध्यान से पढ़ें:

  • जल्दबाज़ी में चॉइस भरना
  • बिना रिसर्च किए कॉलेज का चयन करना
  • MBBS के बाद BDS या अन्य कोर्स का विकल्प न रखना
  • ज्यादा ड्रीम कॉलेज डालना और सेफ कॉलेज को छोड़ देना
  • Choice Lock करना भूल जाना या समय से न करना

ये सभी गलतियां Admission प्रक्रिया में बाधा बनती हैं। कोशिश करें कि आप एक बार चॉइस भरने के बाद उसे दोबारा रिव्यू करें और तभी लॉक करें।

चॉइस लॉकिंग और प्रिंट निकालना न भूलें

चॉइस फिलिंग के बाद सबसे जरूरी स्टेप है “Choice Locking”।

  • अंतिम दिन से पहले ही चॉइस लॉक कर लें ताकि किसी तकनीकी गड़बड़ी से बचा जा सके
  • Lock करने के बाद उसका एक प्रिंट आउट जरूर लें और PDF फॉर्म में भी सेव करें
  • यह डॉक्युमेंट आगे कॉलेज रिपोर्टिंग या किसी विवाद की स्थिति में काम आता है

ध्यान रखें, अगर आपने चॉइस लॉक नहीं किया तो सिस्टम द्वारा ऑटो-लॉक हो सकता है जो कई बार आपकी अंतिम मर्ज़ी के खिलाफ हो सकता है।

हर राउंड में रणनीति बदलें

UP NEET काउंसलिंग में 4 राउंड होते हैं:

  1. Round 1
  2. Round 2
  3. Mop-up Round
  4. Stray Vacancy Round

हर राउंड के बाद नई चॉइस स्ट्रेटजी बनाएं:

  • Round 1 में Dream + Realistic कॉलेज भरें
  • Round 2 में पहले से allotted कॉलेज को हटाकर बेहतर विकल्प जोड़ें
  • Mop-up में नए खुले कॉलेज, या जिनमें Cutoff गिरी है, उन्हें शामिल करें
  • Stray Round में सिर्फ वे कॉलेज डालें जिनकी Cutoff आपकी रैंक से नीचे रही हो

हर राउंड के Cutoff को ट्रैक करते रहें और GLN की वेबसाइट या Experts से Guidance लें।

निष्कर्ष

UP NEET काउंसलिंग में चॉइस फिलिंग सिर्फ एक फॉर्म भरना नहीं है, यह एक सोच-समझकर लिया गया निर्णायक कदम है। आपकी एक सही लिस्टिंग आपको सरकारी कॉलेज दिला सकती है, और एक लापरवाही आपके साल को बर्बाद कर सकती है। इसलिए ऊपर दी गई रणनीतियों को ध्यान से अपनाएं और अपने डॉक्युमेंट्स, कटऑफ डेटा, और चॉइस लिस्ट को समय से पहले तैयार रखें।

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FAQs

Q: UP NEET काउंसलिंग में चॉइस फिलिंग कब शुरू होती है?

A: UP NEET काउंसलिंग की चॉइस फिलिंग प्रक्रिया आमतौर पर रजिस्ट्रेशन के 1–2 दिन बाद शुरू होती है। इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट पर समय-सारिणी जारी होती है।

Q: चॉइस फिलिंग में कितने कॉलेज भर सकते हैं?

A: आप जितने चाहें उतने कॉलेज भर सकते हैं, लेकिन प्राथमिकता के क्रम में सही रणनीति अपनाना जरूरी है।

Q: क्या चॉइस लॉक करना जरूरी है?

A: हां, यदि आपने मैन्युअली चॉइस लॉक नहीं किया तो सिस्टम द्वारा ऑटो-लॉक किया जाएगा। लेकिन मैन्युअल लॉकिंग से आप अपनी अंतिम इच्छा सुनिश्चित कर सकते हैं।

Q: क्या सभी राउंड में चॉइस फिलिंग करनी होती है?

A: Round 1 के बाद Round 2 और Mop-up में नई चॉइस भर सकते हैं। Stray Round में आमतौर पर चॉइस फिलिंग नहीं होती, बल्कि उपलब्ध सीटों पर सिस्टम से एलॉटमेंट होता है।

Q: क्या एक बार चॉइस लॉक करने के बाद बदलाव संभव है?क्या एक बार चॉइस लॉक करने के बाद बदलाव संभव है?

A: नहीं, एक बार चॉइस लॉक हो जाने के बाद उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।

Q: चॉइस फिलिंग में सबसे बड़ी गलती क्या होती है?

A: बिना रिसर्च और बिना कटऑफ देखे चॉइस भरना सबसे आम और गंभीर गलती होती है।

Q: क्या MBBS के साथ BDS और BAMS भी साथ में भर सकते हैं?

A: हां, यदि आप इच्छुक हैं तो MBBS के साथ BDS और BAMS को भी प्रेफरेंस लिस्ट में शामिल कर सकते हैं।

Q: चॉइस फिलिंग के लिए कटऑफ कहां से देखें?

A: आप GLN Admission Advice की वेबसाइट या आधिकारिक UP NEET पोर्टल से पिछले वर्ष की रैंक और कटऑफ डेटा देख सकते हैं।

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DP
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