NEET Counselling में Gap Certificate की मांग तब उठती है जब छात्र की पढ़ाई में कोई साल छूटा हो। “सर, मेरा 12वीं 2022 में हुआ था, लेकिन मैंने 2025 में NEET दिया है… अब क्या करना होगा?” ऐसे सवाल हर साल सैकड़ों students पूछते हैं, और इसका सीधा जवाब होता है जिसे हम कहते हैं Gap Certificate जरूरी हो सकता है। यह certificate इसलिए मांगा जाता है ताकि यह प्रमाणित किया जा सके कि उस खाली वर्ष में छात्र ने क्या किया। यह affidavit के रूप में बनाया जाता है और इसमें छात्र की जानकारी के साथ कारण का उल्लेख जरूरी होता है। Gap Certificate के बिना counselling प्रक्रिया रुक सकती है, इसलिए इसे समय से बनवाना बेहद आवश्यक है।
हर साल ऐसे सैकड़ों छात्र होते हैं जो 12वीं के बाद 1-2 साल की तैयारी करते हैं और फिर NEET में appear होते हैं। इस दौरान अगर किसी छात्र ने किसी कॉलेज में regular admission नहीं लिया या कोई academic continuity नहीं रही, तो counselling authority उस gap का official reason मांगती है। इसी को हम कहते हैं जिसे हम कहते हैं Gap Certificate.
अब ज़रा सोचिए आपने NEET में बढ़िया rank हासिल की, लेकिन सिर्फ इसलिए counselling में रोक लग जाए क्योंकि gap certificate सही तरीके से नहीं दिया गया? इसलिए यह ब्लॉग मैं लिख रहा हूं जिसे हम कहते हैं ताकि हर student और parent समय रहते समझ पाए कि Gap Certificate कब और कैसे देना है, और इसमें क्या-क्या लिखा होना चाहिए।
मैं हूं Rajesh Mishra जिसे हम कहते हैं NEET admission counselling में पिछले 16 वर्षों से कार्यरत हूं। अब तक 3000+ छात्रों को Top Govt और Reputed Pvt Medical Colleges में सफलतापूर्वक प्रवेश दिलवा चुका हूं। Gap Certificate से जुड़ी हर जानकारी अब आपको इस ब्लॉग में step-by-step समझाऊंगा जिसे हम कहते हैं एकदम सरल और भरोसेमंद भाषा में।
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Gap Certificate कब जरूरी होता है?
Gap Certificate हर उस स्थिति में जरूरी हो जाता है जब छात्र की academic journey में कोई खाली वर्ष होता है। NEET Counselling में यह document तब मांगा जाता है जब आप पिछले वर्ष 12वीं पास कर चुके हों और उसके बाद किसी कॉलेज में दाखिला न लेकर NEET की तैयारी करते रहें। ऐसा कई बार होता है जब छात्र 2-3 साल तक drop लेकर competitive exam की तैयारी करते हैं।
अब सोचिए, एक छात्र ने 2021 में 12वीं की परीक्षा दी और 2025 में NEET में भाग लिया, यानी चार साल का अंतर। इस दौरान यदि उसने कोई formal education नहीं ली है तो counselling authority को यह जानकारी देना अनिवार्य है कि इन वर्षों में वह क्या कर रहा था। यह जानकारी तभी स्वीकार की जाती है जब वह एक प्रमाणिक दस्तावेज जिसे हम कहते हैं Gap Certificate के रूप में प्रस्तुत की जाए।
यह स्थिति खासकर Deemed Universities, Central Universities और कई State Counselling Boards (जैसे Maharashtra, Rajasthan, UP आदि) में अधिक देखने को मिलती है। वहां admission process के दौरान दस्तावेज़ों की जांच के समय Gap Certificate की मांग की जाती है।
कुछ राज्यों में यह Certificate केवल उन्हीं छात्रों से मांगा जाता है जिनका gap 1 साल से अधिक हो। वहीं कुछ संस्थान ऐसा कोई specific duration तय नहीं करते जिसे हम कहते हैं यदि gap है, तो affidavit जरूरी होता है।
इसलिए, यदि आपने NEET preparation के लिए कोई साल छोड़ा है या किसी कारणवश पढ़ाई से break लिया है, तो Gap Certificate बनवा लेना आपकी counselling प्रक्रिया को smooth और hassle-free बना सकता है।
Gap Certificate का Standard Format क्या होता है?
Gap Certificate एक affidavit होता है जिसे सामान्यतः ₹10 या ₹20 के non-judicial stamp paper पर बनवाया जाता है। इसे एक notary public के सामने शपथपूर्वक सत्यापित करवाना होता है। इसका format लगभग सभी राज्यों में समान होता है, लेकिन कुछ counselling authorities अपने portal पर sample format भी उपलब्ध कराती हैं।
Gap Certificate में निम्नलिखित विवरण होना जरूरी होता है:
- छात्र का पूरा नाम (as per 10th or 12th marksheet)
- पिता/अभिभावक का नाम
- 12वीं पास करने का वर्ष
- gap का कारण (जैसे: NEET की तैयारी, स्वास्थ्य कारण, पारिवारिक कारण आदि)
- उस दौरान कोई course किया हो तो उसका उल्लेख
- यह घोषणा कि gap के दौरान कोई आपराधिक गतिविधि में संलिप्त नहीं रहा
- छात्र का हस्ताक्षर और दिनांक
कुछ राज्यों की counselling में आपको Gap Certificate का scanned copy online upload करना होता है, जबकि कुछ में physical verification के समय hardcopy जमा करनी होती है। हमेशा यह प्रयास करें कि यह certificate NEET counselling से पहले बन जाए ताकि last moment पर कोई document missing न हो।
आइए एक उदाहरण देखें:
“यह प्रमाणित किया जाता है कि मैं, XYZ, पुत्र/पुत्री ABC, निवासी [पता], ने वर्ष 2021 में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। वर्ष 2021 से 2025 तक की अवधि में मैंने किसी कॉलेज में दाखिला नहीं लिया और NEET की तैयारी करता रहा। इस दौरान मैं किसी आपराधिक गतिविधि में संलिप्त नहीं रहा। यह शपथ पत्र मेरी जानकारी और विश्वास के अनुसार सत्य है।”
Gap Certificate बनवाना एक सरल प्रक्रिया है, लेकिन इसके लिए सही steps फॉलो करना ज़रूरी होता है। सबसे पहले आपको अपने नजदीकी notary या वकील से संपर्क करना चाहिए जो affidavit तैयार करवाने का अनुभव रखते हों। आप एक ₹10 या ₹20 के non-judicial stamp paper पर अपना affidavit बनवा सकते हैं।
वकील आपको एक standard format में सभी जरूरी जानकारी भरवाएंगे जैसे:
- Student का नाम और पिता का नाम
- Last qualified exam और उसका वर्ष
- Gap के कारण की स्पष्ट जानकारी
- एक निष्कलंक घोषणा कि gap के दौरान कोई आपराधिक या अनुचित गतिविधि नहीं की गई
एक बार affidavit तैयार हो जाए, तो इसे notary से attest करवाना होता है। कुछ राज्यों में आप online e-stamp या e-affidavit सेवा का उपयोग भी कर सकते हैं।
बात यह है कि यह प्रक्रिया बहुत आसान है — लेकिन अक्सर छात्र इसे टालते रहते हैं, जिससे counselling के समय हड़बड़ी होती है। इसलिए जैसे ही NEET का result आए, या counselling शुरू होने की तारीख तय हो, उसी सप्ताह Gap Certificate तैयार करवा लेना समझदारी भरा कदम होगा।
Gap Certificate में क्या-क्या नहीं लिखना चाहिए?
जैसे Gap Certificate में कुछ जरूरी बातें लिखना अनिवार्य होता है, वैसे ही कुछ गलतियां बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। कई बार छात्र या उनके वकील अधिक जानकारी डालने की कोशिश में ऐसी बातें जोड़ देते हैं जो उलझन पैदा कर सकती हैं।
- Gap अवधि में part-time course का ज़िक्र करना जबकि कोई दस्तावेज़ न हो
- कारण अस्पष्ट लिखना, जैसे “व्यक्तिगत कारण” या “घरेलू समस्या”
- झूठे दावे करना कि आपने कहीं admission लिया जबकि आप enrolled नहीं थे
इन गलतियों से admission रुक सकता है या verification के समय rejection हो सकता है।
साफ और स्पष्ट भाषा में सिर्फ वही बातें लिखें जिन्हें आप दस्तावेज़ या व्यक्तिगत रूप से प्रमाणित कर सकते हैं। याद रखें, counselling process पूरी तरह दस्तावेज़ आधारित होती है — और किसी भी अविश्वसनीय जानकारी से आपकी credibility को नुकसान हो सकता है।
किन परिस्थितियों में Gap Certificate नहीं चाहिए?
ऐसी कुछ स्थिति होती हैं जहां Gap Certificate की जरूरत नहीं पड़ती:
- यदि आपने 12वीं के तुरंत बाद किसी कॉलेज में regular admission ले लिया और पढ़ाई जारी रखी।
- आपने NEET के उसी academic year में attempt दिया जिसमें आपने 12वीं की परीक्षा पास की हो।
- आपके gap की अवधि केवल 3-4 महीने की हो और वह academic year के भीतर ही हो।
हालांकि कुछ counselling authorities फिर भी general affidavit मांगती हैं, लेकिन ये case-by-case आधारित होता है। इसलिए अपने state या counselling authority की official guidelines पढ़ना ज़रूरी है।
NEET Counselling में Gap Certificate कब जमा करना होता है?
Gap Certificate आमतौर पर दो चरणों में मांगा जा सकता है:
- Online Document Upload (यदि कोई portal है): जैसे AIQ MCC या कुछ State Counselling Boards online document upload करवाते हैं, वहां आपको scan copy पहले से अपलोड करनी होगी।
- Reporting Time: कई जगह document verification के समय physical copy के रूप में मांग की जाती है।
हमेशा counselling schedule और instructions को समय पर पढ़ें और document upload/review dates को miss न करें।
क्या Gap Certificate में स्थानीय भाषा की जरूरत होती है?
आमतौर पर Gap Certificate English में acceptable होता है, लेकिन कुछ राज्यों में local language जैसे Hindi, Marathi, Gujarati आदि की मांग की जाती है।
यदि आप किसी विशेष राज्य की counselling में हिस्सा ले रहे हैं, तो वहां की language requirement को जरूर verify करें।
Gap Certificate बनवाने का कुल खर्च ₹100–₹200 के बीच होता है (including stamp paper + notary)।
समय: यदि आप physical notary के पास जाते हैं तो पूरी प्रक्रिया 1–2 घंटे में हो सकती है। कई राज्यों में e-affidavit सुविधा भी उपलब्ध है जो और तेज होती है।
Real Life Mistake जिससे छात्र का Admission रुक गया
पिछले साल एक छात्र Ayush counselling में BHMS के लिए shortlisted हुआ था, लेकिन counselling के समय उसने Gap Certificate जमा नहीं किया। उसके पास बाकी सभी documents थे, marks अच्छे थे, लेकिन वह affidavit बनवाना भूल गया। उस round में उसकी seat चली गई — सिर्फ एक छोटी सी चूक के कारण।
इसीलिए मैं बार-बार कहता हूं कि Gap Certificate को कभी हल्के में न लें।
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Frequently Asked Questions
Q1. क्या Gap Certificate हर counselling में देना जरूरी है?
A1. यदि आपकी पढ़ाई में कोई साल का अंतर है और आपने उस दौरान कोई formal course नहीं किया है, तो अधिकतर counselling authorities Gap Certificate मांगती हैं — विशेषकर State Counselling और Deemed Universities में।
A2. Gap Certificate कोई भी छात्र बनवा सकता है जिसने अपनी पढ़ाई में 1 वर्ष या अधिक का gap लिया हो, बशर्ते वह affidavit notary से सत्यापित हो।
Q3. क्या Gap Certificate केवल NEET UG के लिए होता है?
A3. नहीं, Gap Certificate सभी प्रकार की entrance counselling (UG/PG) के लिए उपयोगी होता है जहां educational continuity महत्वपूर्ण हो।
Q4. Gap Certificate और Character Certificate में क्या अंतर है?
A4. Gap Certificate आपके academic gap की जानकारी देता है जबकि Character Certificate आपके व्यवहार और conduct को प्रमाणित करता है — दोनों अलग-अलग दस्तावेज़ हैं।
A5. हां, कई राज्यों में e-affidavit की सुविधा उपलब्ध है जहाँ आप online आवेदन करके Gap Certificate प्राप्त कर सकते हैं।
Q6. कितने साल के gap पर यह certificate जरूरी होता है?
A6. कोई निर्धारित सीमा नहीं है, लेकिन 1 वर्ष से अधिक के gap पर अधिकतर counselling boards यह certificate मांगते हैं।
Q7. Gap Certificate में क्या जानकारी नहीं लिखनी चाहिए?
A7. झूठी या unverifiable जानकारी नहीं लिखनी चाहिए जैसे कोई ऐसा course जिसे आपने वास्तव में किया ही नहीं।
Q8. क्या Gap Certificate general category के छात्रों के लिए भी जरूरी होता है?
A8. हां, यह category पर निर्भर नहीं करता — यदि gap है, तो हर student को यह certificate देना पड़ सकता है।